WORLD ENVIRONMENT DAY 2024

WORLD ENVIRONMENT DAY 2024 प्रत्येक वर्ष एक ऐसा विषय है जो उस वर्ष के प्रमुख पर्यावरणीय चिंताओं को प्रदर्शित करता है।विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना 1972 में संयुक्त राष्ट्र सभा ने स्टॉकहोम  सम्मेलन में की थी। पर्यावरण हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है जो हमारे जीवन   के सुचारू  रूप से संचालन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हर साल 5 जून को  हम ‘’ विश्व पर्यावरण दिवस’’  मनाते हैं जिसका उद्देश्य पृथ्वी के पर्यावरण की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए जन जागरण को जागरूक करना है। विश्व पर्यावरण दिवस एक ऐसा मंच है जहां पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों एवं विषयों पर चर्चा की जाती है एवं लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है और उसके महत्व को भी समझाया जाता है। 

विश्व पर्यावरण दिवस | World Environment Day

विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना 1972 में संयुक्त राष्ट्र सभा ने स्टॉकहोम  सम्मेलन में की थी। विश्व पर्यावरण दिवस (WORLD ENVIRONMENT DAY 2023) प्रत्येक वर्ष एक भी विषय के साथ जो उस वर्ष के प्रमुख पर्यावरणीय चिंताओं को प्रदर्शित करता है।विश्व पर्यावरण दिवस, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP)  के द्वारा  प्रतिवर्ष 5 जून 1973 से मनाया जा रहा है। 

पर्यावरण दिवस 2024 की थीम

इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस(World Environment Day) की थीम – ‘’भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखा लचीलापन’’ है।

मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुसार, ग्रह की 40 प्रतिशत भूमि निम्नीकृत हो गई है, जिससे दुनिया की आधी आबादी सीधे प्रभावित हो रही है और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (44 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) के लगभग आधे हिस्से को खतरा है। 2000 के बाद से सूखे की संख्या और अवधि में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है – तत्काल कार्रवाई के बिना, सूखा 2050 तक दुनिया की तीन-चौथाई से अधिक आबादी को प्रभावित कर सकता है।

भूमि बहाली संयुक्त राष्ट्र पारिस्थितिकी तंत्र बहाली दशक (2021-2030) का एक प्रमुख स्तंभ है, जो दुनिया भर में पारिस्थितिकी प्रणालियों की सुरक्षा और पुनरुद्धार के लिए एक रैली का आह्वान है, जो सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।

2024 में मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन की 30वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (UNCCD) के पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी 16) का सोलहवां सत्र 2 से 13 दिसंबर 2024 तक सऊदी की राजधानी रियाद में आयोजित किया जाएगा।

। विश्व पर्यावरण दिवस 2023 का आयोजन Cote D’Ivoire द्वारा किया जा रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस(World Environment Day)- 2024 सऊदी अरब मे आयोजित होना है ।

World Environment day 2023

WORLD ENVIRONMENT DAY 2023 मुख्य Theme – Single use Plastic से मुक्ति इस पर पिछले 4 साल से लगातार काम कर रहा है 2018 से भारत में दूसरों पर काम शुरू किया था इसके अंतर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन दूसरा प्लास्टिक वेस्ट प्रोसेसिंग को अनिवार्य किया गया।  इसी कारण भारत में प्लास्टिक पैकेजिंग की रीसाइक्लिंग हुई है जो कुल सालाना प्लास्टिक वेस्ट का 75%  है।

पर्यावरणीय चुनौतियां

विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) 2023 के अवसर पर ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन जैसी पर्यावरण की चुनौतियां के मुद्दे भी महत्वपूर्ण है तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से लड़ने में हमें संयुक्त रूप से काम करने की आवश्यकता है जिससे हम समावेशी समाधान उसे जलवायु परिवर्तन के प्रति सहयोगी एवं संरचनात्मक उपाय कर सकें।

विश्व पर्यावरण दिवस  का उद्देश्य

वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रखने के लिए हमें 2030 तक ग्रीन हाउस गैसों  के उत्सर्जन को आधा करना होगा । यदि हमने  ऐसा नहीं किया तो 2040 तक जलीय तारिका प्लास्टिक प्रदूषण तीन  गुना बढ़  जाएगा। 

पर्यावरण के सतत विकास हेतु प्रयास

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर देश के विभिन्न संगठन, सरकारी, निजी क्षेत्र एवं व्यक्तिगत  संस्थाएं एकत्रित होती हैं ताकि पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ सके। सभी क्षेत्रों में पृथ्वी के संरक्षण के लिए नए एवं उचित मार्गों की खोज में लोग एकजुट होते हैं जो प्रदूषण नियंत्रण, वनस्पति एवं जीव जंतु संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के साथ निपटने एवं उसके सतत विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के माध्यमों को सवारने में मदद कर सकते हैं।

पर्यावरण से संबंधित भारत द्वारा किए जाने वाले प्रयास

World Environment Day 2023 प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहे LIFE अभियान का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से निपटने में व्यक्तिगत कार्यवाही को प्राथमिकता देना है। यह हमारे लोगों को अपने अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे किंतु विशेष बदलाव को करने के लिए प्रोत्साहित करता है जैसे प्लास्टिक की खबर को कम करना, उज्जैन की बर्बादी को कम, ऊर्जा बचत करना, कचरे का पुनर्चक्रण और सार्वजनिक परिवहन के रूप में उपयोग करना आदि है।

वर्तमान परिपेक्ष में भारत में कोयला मंत्रालय ने सक्रिय रूप से LIFE  अभियान में प्रमुख योगदान दिया है एवं इसकी विभिन्न   योजनाएं सराहनीय है जैसे-

भूमि सुधार और वनीकरण में रणनीतिक प्रयास,  वायु गुणवत्ता और शोर का प्रभावी प्रबंधन करना, उत्सर्जन में कमी करना, समुदाय के उद्देश्यों के लिए खदान के पानी का लाभकारी उपयोग करना, पूजा के कुशल उपायों का कार्यान्वयन करना, अधिक भोज वाले संसाधनों का सदुपयोग करना,  इको पार्क और खान पर्यटन का विकास करना आदि  सम्मिलित हैं।

LIFE अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य निम्न गतिविधियां भी की जा रही है-

अपशिष्ट न्यूनीकरण के लिए “5R”  सिद्धांत का उपयोग करना (बंद करना, कम करना,  पुनः उपयोग करना, मरम्मत और पुनर्चक्रण करना)  

पर्यावरण में सिंगल यूज प्लास्टिक  के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए हमें आसपास के प्लास्टिक कचरे को संग्रह करवाना चाहिए तथा E- कचरा संग्रह ड्राइव आयोजित करना चाहिए, तालाबों की सफाई को सुविधाजनक बनाना चाहिए, होम कंपोस्टिंग के बारे में भी सोचना चाहिए । 

मिश्टी योजना (MISHTI)

Mangrove Initiative for Shoreline Habitats & Tangible Incomes (MISHTI)

इस योजना के माध्यम से भारत की कोस्टलाइन और वहां रहने वाली आबादी  के द्वारा मैनग्रोव इकोसिस्टम को पुनर्जीवित  एवं सुरक्षित किया जाएगा।

इसके अंतर्गत भारत के 9 राज्यों में Mangrove cover को Restore  किया जाएगा  जिससे समुद्र का जल स्तर बढ़ने और चक्रवात जैसी आपदाओं से तटीय इलाकों में जीवन और आजीविका के संकट को कम करने में मदद मिलेगी। 

भारतीय लोगों का सहयोग

सोलर पावर LED बल्ब के ज्यादा से ज्यादा घरों में पहुंच  बनने से भारत  के गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों ने भी कैसे बचाएं हैं और पर्यावरण की रक्षा भी की है।

वैश्विक महामारी के दौरान भी भारत में Green Hydrogen Mission शुरुआत की गई है ।

महामारी के दौरान भारत में मिट्टी और पानी को केमिकल फर्टिलाइजर्स बचाने के लिए प्राकृतिक खेती की तरह विशेष कदम उठाए 

निष्कर्ष | Conclusion

विश्व पर्यावरण  दिवस (World Environment Day) 2023 के अवसर पर, हमें अपने व्यक्तित्व स्तर पर भी पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दान करने का संकल्प लेना चाहिए। हमें अपने दैनिक जीवन शैली में सतर्क और सचेत रहकर पर्यावरण की सुरक्षा में अपने छोटे-छोटे  लक्ष्य बनाने चाहिए। हमें प्रदूषण कम करने के लिए वनस्पतियों एवं जीव-जंतुओं के संरक्षण में सहयोग करना चाहिए एवं जल संवर्धन के लिए अपनी जिम्मेदारियों का पालन करने का प्रयास करना चाहिए।

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