Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan (PMSMA) इसका उद्देश्य दूसरी और तीसरी तिमाही में गर्भवती महिलाओं को निश्चित दिन पर सुनिश्चित, व्यापक और गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व देखभाल प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA)
Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan पीएमएसएमए के तहत, सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में ओबीजीवाई विशेषज्ञों, रेडियोलॉजिस्ट और चिकित्सकों द्वारा विशेष एएनसी सेवाएं प्रदान की जाती हैं। अभियान के एक भाग के रूप में, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्थित सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं (जैसे पीएचसी, सीएचसी, डीएचएस, और शहरी स्वास्थ्य सुविधाएं) में गर्भवती महिलाओं को उनकी दूसरी और तीसरी तिमाही में प्रसवपूर्व देखभाल सेवाओं का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाता है।
उद्देश्य
इसका उद्देश्य Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan (पीएमएसएमए) का शुभारंभ प्रत्येक माह की 9 तारीख को दूसरी और तीसरी तिमाही में गर्भवती महिलाओं को निश्चित दिन पर सुनिश्चित, व्यापक और गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व देखभाल प्रदान करना है।
सेवाओं की विशेषताएँ
PMSMA क्लीनिकों में आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को एकल खिड़की प्रणाली के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए, जांच और दवाओं जैसे आयरन-फॉलिक एसिड (आईएफए) और कैल्शियम सप्लीमेंट्स का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाता है। अभियान का एक महत्वपूर्ण घटक उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की पहचान और अनुवर्ती कार्रवाई करना है। उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था वाली महिलाओं के मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्डों पर लाल स्टिकर लगाए जाते हैं।
निजी/स्वैच्छिक क्षेत्र के साथ सहभागिता
भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने 31 जुलाई, 2016 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के उद्देश्य और प्रयोजन पर प्रकाश डाला तथा डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे इस पहल के लिए वर्ष में 12 दिन समर्पित करें। निजी और स्वैच्छिक क्षेत्र के डॉक्टरों की सहभागिता को सुविधाजनक बनाने के लिए पीएमएसएमए के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल और एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया गया है। निजी क्षेत्र में कार्यरत ओबीजीवाई विशेषज्ञों, रेडियोलॉजिस्ट और चिकित्सकों को अभियान के लिए स्वयंसेवक बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और वे विभिन्न माध्यमों से अभियान के लिए पंजीकरण करा सकते हैं।
अभियान की प्रमुख विशेषताएं
नियमित जांच और देखभाल
PMSMA के तहत, गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से प्रसवपूर्व देखभाल प्रदान की जाती है। सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में ओबीजीवाई विशेषज्ञों और चिकित्सकों द्वारा विशेष एएनसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति की नियमित निगरानी की जा सके।
उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की पहचान
अभियान का एक महत्वपूर्ण घटक उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की पहचान और अनुवर्ती कार्रवाई है। उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्डों पर लाल स्टिकर लगाए जाते हैं, जिससे उनकी विशेष देखभाल की जा सके।
एकल खिड़की प्रणाली
PMSMA क्लीनिकों में आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को जांच और दवाओं का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाता है। एकल खिड़की प्रणाली के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए, महिलाओं को आयरन-फॉलिक एसिड (आईएफए) और कैल्शियम सप्लीमेंट्स जैसी आवश्यक दवाएं प्रदान की जाती हैं।
निजी और स्वैच्छिक क्षेत्र के साथ सहभागिता
भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने 31 जुलाई, 2016 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के उद्देश्य और प्रयोजन पर प्रकाश डाला तथा डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे इस पहल के लिए वर्ष में 12 दिन समर्पित करें। इस अभियान में निजी और स्वैच्छिक क्षेत्र के डॉक्टरों की सहभागिता को सुविधाजनक बनाने के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल और एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया गया है। निजी क्षेत्र में कार्यरत ओबीजीवाई विशेषज्ञों, रेडियोलॉजिस्ट और चिकित्सकों को अभियान के लिए स्वयंसेवक बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और वे विभिन्न माध्यमों से अभियान के लिए पंजीकरण करा सकते हैं।
अभियान के लाभ
मातृत्व मृत्यु दर में कमी
PMSMA के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को नियमित और सुनिश्चित प्रसवपूर्व देखभाल प्रदान की जाती है, जिससे मातृत्व मृत्यु दर में कमी आती है। उच्च जोखिम वाली गर्भवस्थाओं की पहचान और विशेष देखभाल से गर्भावस्था से जुड़ी समस्याओं का समय पर निदान और उपचार संभव हो पाता है।
सुरक्षित प्रसव
PMSMA के तहत महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं और आवश्यक दवाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे वे सुरक्षित प्रसव का अनुभव कर सकें। इससे नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य स्थिति में भी सुधार होता है।
जागरूकता और शिक्षा
इस अभियान के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों को स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता और शिक्षा प्रदान की जाती है। इससे वे अपनी और अपने शिशु की देखभाल के प्रति सजग रहते हैं और समय पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
सफलता की कहानियाँ
PMSMA ने अपने आरंभ से ही कई सफलताएं हासिल की हैं। इस अभियान के माध्यम से लाखों गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व देखभाल मिली है। कई महिलाओं ने सुरक्षित प्रसव का अनुभव किया है और नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य स्थिति में भी सुधार हुआ है। इस अभियान ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाया है और महिलाओं को स्वस्थ मातृत्व का अनुभव प्रदान किया है।
आगे की राह
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) को और भी अधिक सफल बनाने के लिए जागरूकता फैलाना और निजी क्षेत्र की सहभागिता को बढ़ाना आवश्यक है। सरकार को ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को और भी मजबूत करना चाहिए। इसके साथ ही, स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए, जिससे वे गर्भवती महिलाओं की विशेष देखभाल कर सकें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) सुरक्षित मातृत्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व देखभाल प्रदान की जाती है, जिससे मातृत्व मृत्यु दर में कमी आती है और महिलाएं सुरक्षित प्रसव का अनुभव कर सकती हैं। इस अभियान की सफलता के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से इस अभियान को और भी सफल बनाया जा सकता है। PMSMA के माध्यम से भारत सरकार का यह प्रयास सुरक्षित मातृत्व और स्वस्थ शिशुओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
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Que. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के संदर्भ मे निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
1. यह योजना किसी भी सरकारी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र मे गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही मे महिलाओ को प्रसवपूर्व चिकित्सा देखभाल सेवाओ के लिए न्यूनतम पैकेज और प्रसवोत्तर छह महीने की स्वास्थ्य चिकित्सा देखभाल सेवा की गारंटी प्रदान करती है ।
2. इस योजना के अंतर्गत,कुछ विशिष्टताओं वाले निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदाता स्वेच्छा स्व नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों मे सेवाये प्रदान कर सकते हैं ।
उपर्युक्त कथनों मे से कौन स सही है ?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2 दोनों
D. ना तो 1 ना ही 2
Ans. C