केंद्र और राज्य सरकारों के लगातार प्रयासों के तहत Mukhyamantri Abhyudaya Yojana द्वारा साक्षरता दर को बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार भी इसी सिलसिले में राज्य के छात्रों के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की शुरुआत की है। यह योजना प्रतिस्पर्धी परीक्षा की तैयारी के लिए अहम सहायता प्रदान करने का उद्देश्य रखती है।
Mukhyamantri Abhyudaya Yojana
इस योजना के अंतर्गत, उत्तर प्रदेश सरकार छात्रों को मुफ्त कोचिंग प्रदान करेगी। इसका मकसद है कि गरीब परिवारों के छात्र भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में समर्थ हों और अधिक नौकरी के अवसर हासिल करें।
पात्रता
- उत्तर प्रदेश के मूल निवासी
- आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्र
आवेदन प्रक्रिया
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
- पंजीकरण विकल्प पर क्लिक करें
- अपनी तैयारी करने की परीक्षा चुनें
- आवेदन पत्र को सावधानीपूर्वक भरें
- आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन और अपलोड करें
- फार्म सबमिट करें और सेव बटन पर क्लिक करें
निर्देशिका
- योजना के तहत किस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी
- आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची
योजना के लाभ
Mukhyamantri Abhyudaya Yojana के निम्नलिखित लाभ लोगों को मिलते हैं –
- गरीब वर्ग के छात्रों को मुफ्त कोचिंग सुविधा प्राप्त करने का अवसर
- प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में सुधार
- नौकरी प्राप्ति के अवसरों में सुधार
योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- जाति प्रमाण पत्र
अगर आप उत्तर प्रदेश के छात्र हैं और मुफ्त कोचिंग सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं, तो आवेदन करें और अपनी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी को मजबूत बनाएं।
प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए सहायता
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- उप-सेवा चयन आयोग (SSSC)
- संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE)
- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC)
- राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET)
- राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA)
- संयुक्त रक्षा सेवा (CDS)
- अन्य भर्ती बोर्ड परीक्षाएँ
उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में एक परिषदीय स्कूल को मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय योजना के रूप में भी विकसित किया है।
उत्तर प्रदेश में प्री प्राइमरी से लेकर कक्षा-8 तक के विद्यालयों को चित्रित कर उन्हें विद्यार्थियों को तमाम सुविधाओं के साथ ही उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दी जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग को बजट हुए ₹1000 आवंटित किए गए है।
पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्र के 704 विकास खंडों में इन विद्यालयों को विकसित किया जाएगा।
जगह की उपलब्धता, व्यवहारिकता और अत्यधिक सामाजिक लाभ के दृष्टिगत प्रत्येक विकासखंड से एक कम्पोजिट विद्यालय का पारदर्शी तरीके से चयन किया जाएगा।
पहले से संचालित परिषदीय कम्पोजिट विद्यालय विद्यालयों को तय मानकों के अनुरूप उच्चीकृत और आधुनिक सुविधाओं से लैस कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय का दर्जा दिया जाएगा।
प्रत्येक कम्पोजिट विद्यालय में लगभग 1.42 करोड़ रुपए से अवस्थापना सुविधाओं को अपग्रेड किया जाएगा।
इन विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप विद्यार्थियों के समस्या और कौशल विकास को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्री प्राइमरी से कक्षा 8 तक के लिए प्रति वर्ग अलग-अलग कक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता के साथ विकसित किया जाएगा।
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